होली और दुल्हंदी: रंग और खुशियों का उत्सव
होली और दुल्हंदी का त्योहार आज सप्रेम प्रेमियों के बीच रंग और खुशियों के आगाज़ के साथ मनाया जा रहा है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
खेला गया रंगों का जश्न
इस वर्ष, लोग खुशियों के बिखेरे रंगों में डूबकर होली का जश्न मना रहे हैं। भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग खेलते हुए और एक-दूसरे के साथ रंग फेंकते हुए अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं।
भगवान कृष्ण की चरणों की पूजा
दुल्हंदी का यह दिन भी खास महसूस हो रहा है। यह त्योहार श्री कृष्ण की भक्ति में मनाया जाता है। लोग इस दिन नीला, पीला और हरा रंग फेंकते हैं और भगवान कृष्ण की चरणों की पूजा करते हैं।
भक्त प्रहलाद और होलिका के कथा का स्मरण
इस उत्सव में, लोग भक्त प्रहलाद की प्रेरणा से निकले हुए अच्छाई और सच्चाई को याद करते हैं, साथ ही होलिका की भांति बुराई और अन्याय का समापन करने के संकल्प करते हैं।
समाज में एकता और सौहार्द का संदेश
होली और दुल्हंदी के त्योहार में समाज में एकता और सौहार्द का संदेश साफ है। यह त्योहार लोगों को मिलकर खुशियां मनाने की प्रेरणा देता है।
समाप्ति
इस त्योहार के माध्यम से हम सभी को एक-दूसरे के प्रति समर्थन और प्रेम का संदेश देना चाहिए। रंग, गुलाल, और मिठाईयों के इस महान उत्सव को सभी मिलकर मनाएं और खुशियों का इससे बड़ा मेला बनाएं।
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